रांची: बीआईटी मेसरा ने अपनी स्थापना की 70वीं वर्षगांठ के साथ 34वें दीक्षांत समारोह का आयोजन 16 नवंबर को जी.पी. बिरला ऑडिटोरियम में भव्य रूप से किया। इस खास अवसर पर राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉ. बी.एन. सुरेश जैसे दिग्गजों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को गौरवान्वित किया।
2,715 छात्रों को डिग्रियां और 17 को स्वर्ण पदक
इस समारोह में स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी के 2,715 छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गईं। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 17 छात्रों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। सम्मानित विषयों में इंजीनियरिंग, प्रबंधन, वास्तुकला, विज्ञान और फार्मेसी शामिल थे।
राज्यपाल का संदेश: “ज्ञान का उपयोग समाज के उत्थान के लिए करें”
राज्यपाल ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि डिग्री केवल प्रमाणपत्र नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का संकल्प है। उन्होंने शिक्षा को समाजोपयोगी बनाने और मानवता के विकास में योगदान देने का महत्व बताया।
डॉ. बी.एन. सुरेश का प्रेरणादायक संबोधन
मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद डॉ. बी.एन. सुरेश ने अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की ऐतिहासिक उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों को 2023 में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भारत की चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बारे में बताया और अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत की बढ़ती ताकत को रेखांकित किया।
उद्योग और प्रौद्योगिकी में नवीनता की ओर बल
सी.के. बिरला ने एआई, डाटा साइंस और ऑटोमेशन जैसे क्षेत्रों में महारथ हासिल करने की अपील करते हुए छात्रों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहने का संदेश दिया।
संस्थान की उपलब्धियां और भविष्य की योजनाएं
कुलपति प्रोफेसर इंद्रनील मन्ना ने संस्थान की उपलब्धियों और नई पहलों की जानकारी साझा की। उन्होंने संस्थान द्वारा शिक्षा, अनुसंधान और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में किए गए सुधारों पर भी प्रकाश डाला।
समारोह में भविष्य के लिए नई उम्मीदें
यह दीक्षांत समारोह न केवल छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना, बल्कि शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की मजबूती को भी प्रदर्शित करता है।